गुजारा भत्ता

गुजारा भत्ता 125 CrPC कानून बनाने वाला तो बहुत समझदार था................. लेकिन, अवैध वसूली के लालच में,  वकील और जजों ने इसे शोषण का हथियार बना दिया......................!!!

आईये जाने.......... गुजारा भत्ता के नाम पर,  कैसे निर्दोष लोगों को जेल में डालने के लिए, जज क्या गड़बड़ी करते हैं..........???      क्या कहता है 125  CRPC   कानून .......???  

--यदि पर्याप्त साधनों वाला कोई व्यक्ति........... यानिकि जिसके पास पर्याप्त कमाई आमदनी हो............     कोर्टों में आमदनी को स्पष्ट किये बिना ही,  जज अवैध वसूली करते हुए,  मनमाना गुजारा भत्ता लगा देते हैं l   दरअसल,  इसमें वकील के साथ सेटिंग के द्वारा,  जज का कमीशन फिक्स हो जाता है और जज उसी लालच में,  आखें मूंद कर ऐसे फैसले लिखते हैं l  जैसे -- बिना आमदनी के स्पष्टीकरण के किसी का गुजारा भत्ता 1500/- से  15000/-  करना,  10000/- कमाने वाले का 8000/- गुजारा भत्ता लगाना............    फिर  Execution का केस लगाया जाता है l  उसमे जज कहेगा कि-- हमारा  सही गलत से कोई लेना देना नहीं है l   आप बस पैसे भरो...........   चाहे चोरी करो, भीख माँगो........... या कर्ज लेकर दो ....    किसी भी तरह से,  पैसे लेकर भरो............. वर्ना जेल जाओ ............  और सरासर जबरदस्ती करते हुए,  लाखों पतियों को, हर महीने मनमाने  तरीके से जेल भेजा जा रहा है l    उससे भी बड़ी गड़बड़ी यह है कि-- गुजारा भत्ता कानून के अनुसार,  किसी भी व्यक्ति को किसी भी कल्पना से परे जाकर भी,  30  दिन से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता .....???       लेकिन, ये जज जानबूझकर कर,  झूठे आरोप लगाते  हुए कि-- ये तो भाग जायेगा , उस पति को 6- 7 महीने तक भी,  जेल में गैर कानूनी तरीके से बंद रखते  हैं l  

इस फर्जीवाड़े का क्या है समाधान .............???   

पहली बात तो यह है कि कोई भी जज [ चाहे वो सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का जज ही क्यों न हो........... ] कानून से बाहर नहीं जा सकता .............???   यानिकि जो कानून में लिखा है,  उसके आलावा,  कोई मनमानी करने काअधिकार,  किसी भी जज को नहीं है l  यानिकि  आमदनी स्पष्ट  किये  बिना,   गुजारा भत्ता निर्धारित नहीं किया जा सकता ..........???  

दूसरा यह है कि-- हम वैवाहिक मामलों में सिर्फ वकील पर आँखें बंद करके भरोसा न करें...........???    कानून  की किताब खरीदकर खुद भी उस धारा को जब आप पढ़ेंगे,  तो आपकी आँखें खुद ही खुल जाएँगी..........    आपको यह भी समझ में आएगा कि -- कैसे आपको बेवकूफ बनाकर,  आपका शोषण किया जाता है .........???  

तीसरा यह है कि --  कोर्ट और जज का काम,  अपराधी पैदा करना नहीं है l  चोरी करो, भीख माँगो, कर्ज लो l  यह बात कानून में कहीं भी नहीं लिखी है l इसलिए ऐसे  बयान गैर कानूनी हैं l   हमने चंडीगढ़ हाई कोर्ट के जज के खिलाफ,  संसद को लिखा था,  उसके बाद ऐसा बयान किसी फैसले में नहीं आया l  पढ़ें लेख ..........

चौथा यह है कि-- कोई भी जज,  आपको अवैध तरीके से,  मनघडंत झूठे आरोप लगाकर,  जेल में नहीं रख सकता..............???     जैसेकि-- मेरे सामने यह साबित हो गया है कि -- इसके पास काफी पैसा है l  लेकिन जानबूझकर नहीं दे रहा ........इसकी यह डिग्री है,...... इतनी आमदनी तो होगी ही.............  अगर जज यह लिखता है तो केस फाइल पर ये सबूत होने चाहिए.............. अगर ऐसा नहीं है तो वो जज गया काम से .......!!!  लेकिन, वकील आपको ये जानकारी कभी भी नहीं बताएँगे .............???  

पांचवां यह है कि-- ऐसी स्थिति में,  पहले केस फाइल  का इंस्पेक्शन करें, फिर जज से लिखित में सबूतों के  बारे मे सवाल पूछो .....???   200%  दावे के साथ कह सकता हूँ कि-- जज जबाब नहीं दे  पायेगा..............  और यही से साबित होता है कि-- जज झूठे आरोप लगाकर,  आपको जेल  भेज रहे हैं l   आपको डराकर,  झूठी स्टेटमेंट लिखवा रहे हैं ...........   और एक बार डर के चलते, पैसा  दे दिया तो फिर,  आपको ही झूठा साबित करने का प्रयास किया जायेगा ..................!!!   

इसलिए, केस जीतने की शुरुआत,  आपके बयान से ही होती है l   यहीं पर वकील और जज हेरा फेरी करते हैं l    अभी हमने 12 साल के गुजारा भत्ता की execution  केस इसी तरीके से खत्म करवाने में सफलता मिली है l  जज ने 1500/- से 15000/- कर दिया l  फिर भी हमने एक रुपया नहीं दिया.............  उनको   जेल से छोड़ने पर मजबूर किया l   बाहर आकर,  सबूत  इकट्ठे किये और फिर दुश्मन को  केस वापिस लेना  पड़ा ..............  बिना एक रुपया दिए............ केस खत्म 

लाल पुनर्नवा का ब्लडकैंसर

लाल पुनर्नवा का #ब्लडकैंसर को मात्र 30 दिन में जड़ से ठीक करें नए रक्ताणुओ की वृद्धि करेगा जो #कैंसरसेल को खाकर खत्म कर देगा शरीर को #कायाकल्प और फिर से नया बना देगा इसलिए इसका नाम है पुनर्नवा गदापूर्णा .....

 प्रयोग विधि.,,,,
 लाल पुनर्नवा का जड़ सहित पंचांग का ताजा रस
 द्रोणपुष्पी गुमा का ताजा रस 
 भूमि आंवला तीनों को समान मात्रा में मिलाकर बराबर जल में सेवन करना चाहिए
 सेवन विधि
कम से कम 30 ग्राम सुबह 30 ग्राम शाम को सेवन करना
 
या तो तीनों का एक में मिलकर पाउडर मिला लें तीनों का मात्र एक समान होनी चाहिए 20 ग्राम सुबह शाम जल के साथ सेवन करें 
 साथ में अन्य जो आप दवा ले रहे हैं ले सकते हैं कोई समस्या नहीं कोई साइड इफेक्ट नहीं,,,..

थायराइड का दुश्मन

थायराइड का दुश्मन 

थाइराइड आजकल एक आम समस्या बन गई है, जो शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण होती है। यह स्थिति हाइपोथायरॉयडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की कमी) या हाइपरथायरॉयडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की अधिकता) के रूप में प्रकट हो सकती है।

हालांकि, आयुर्वेद में इसका प्राकृतिक समाधान मौजूद है। एक विशेष पेड़ की पत्तियां 21 दिन तक सेवन करने से थाइराइड की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस उपाय के बारे में विस्तार से।
कौन सा पेड़ और उसकी पत्तियां,,?
यह चमत्कारी पेड़ है बेल (बिल्व वृक्ष)। बेल की पत्तियां आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और इम्यून मॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो थाइराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित करने में मदद करते हैं।

सेवन का सही तरीका,,,,

पत्तियां चुनें:ताजी, हरी और स्वस्थ पत्तियों का चयन करें। ध्यान रखें कि पत्तियां साफ और कीटनाशक मुक्त हों।
धोकर साफ करें:पत्तियों को साफ पानी से धो लें ताकि किसी भी प्रकार की गंदगी या धूल हट जाए।
खाली पेट सेवन करें:सुबह खाली पेट दो जोड़ा पत्तियां चबाकर खाएं। यानी 2 जोड़ा मतलब 6 पत्ते,,,एक जोड़े में तीन पतियां होती है,,,आप चाहें तो इनका पेस्ट बनाकर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।
लगातार 21 दिन तक:इस प्रक्रिया को बिना रुके लगातार 21 दिन तक करें। थाइराइड ग्रंथि पर इसका सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेगा।

बेल पत्तियों के स्वास्थ्य लाभ,,, यह वही बेलपत्र का वृक्ष है जो भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है,,,,

1. थाइराइड ग्रंथि का संतुलन:

बेल की पत्तियों में थाइराइड हार्मोन को नियमित करने वाले गुण होते हैं। यह ग्रंथि के आकार को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं।

2. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना:

इन पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे थाइराइड से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव होता है।

3. शरीर से विषैले पदार्थों को निकालना:

बेल की पत्तियां शरीर को डिटॉक्स करती हैं और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती हैं।
बेल की पत्तियां थाइराइड जैसी गंभीर समस्या का प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान प्रदान करती हैं। 21 दिन तक इनका नियमित सेवन हार्मोन असंतुलन को ठीक करने और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के इस चमत्कारी उपाय को अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं..

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वात पित्त कफ के दोष तीनों को संतुलित करे


वात पित्त कफ के दोष तीनों को संतुलित करे इस आयुर्वेदिक उपाय से...अंत तक जरुर पढ़ें।
❤❤❤वात पित्त और कफ के दोष:-
💜पोस्ट को धयान से 2 बार पढ़े
💚इस जानकारी से संबंधित यह तीसरा पोस्ट है
शरीर 3 दोषों से भरा है
वात(GAS) -लगभग 80 रोग
पित्त(ACIDITY)- लगभग 40 रोग
कफ(COUGH) -लगभग 28 रोग
💚यहां सिर्फ त्रिदोषो के मुख्य लक्षण बतये जायेगे और वह रोग घरेलू चिकित्सा से आसानी से ठीक होते है
💚सभी परहेज विधिवत रहेंगे जैसे बताता हूं
💙जिस इंसान की बड़ी आंत में कचड़ा होता है बीमार भी केवल वही होता है
💙एनीमा एक ऐसी पद्धति है जो बड़ी आंत को साफ करती है और किसी भी रोग को ठीक करती है
💚संसार के सभी रोगों का कारण इन तीन दोष के बिगड़ने से होता है
💛वात(GAS) अर्थात वायु:-💛
--शरीर मे वायु जहां भी रुककर टकराती है, दर्द पैदा करती है, दर्द हो तो समझ लो वायु रुकी है
--पेट दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, घुटनो का दर्द ,सीने का दर्द आदि
--डकार आना भी वायू दोष है
--चक्कर आना,घबराहट और हिचकी आना भी इसका लक्षण है
💙कारण:-
--गैस उत्तपन्न करने वाला भोजन जैसे कोई भी दाल आदि गैस और यूरिक एसिड बनाती ही है
--यूरिक एसिड जहां भी रुकता है उन हड्डियों का तरल कम होता जाता है हड्डियां घिसना शुरू हो जाती है ,उनमे आवाज आने लगती है, उसे डॉक्टर कहते है कि ग्रीस ख़त्म हो गई, या फिर स्लिप डिस्क या फिर स्पोंडलाइटिस, या फिर सर्वाइकल आदि
--प्रोटीन की आवश्यकता सिर्फ सेल्स की मरम्मत के लिए है जो अंकुरित अनाज और सूखे मेवे कर देते है
--मैदा औऱ बिना चोकर का आटा खांना
--बेसन की वस्तुओं का सेवन करना
--दूध और इससे बनी वस्तुओं का सेवन करना
 -आंतो की कमजोरी इसका कारण व्यायाम न करना।
👉🏻 तन बिगड़ने वाला भोजन से 
👉🏻 मन  बिगड़ने वाले विचार से 
👉🏻 मनोदीशा बिगड़ने वाले लोगों से कैसे दूर रहे।
💜निवारण:-
--अदरक का सेवन करें,यह वायु खत्म करता है, रक्त पतला करता है कफ भी बाहर निकालता है, सोंठ को लेकर रात में गुनगने पानी से आधा चम्मच खायेँ
--लहसुन किसी भी गैस को बाहर निकालता है,
यदि सीने में दर्द होने लगे तो तुरन्त 8-10 कली लहसुन खा ले, ब्लॉकेज में तुरंत आराम मिलता है
--लहसुन कफ के रोग और टीबी के रोग भी मारता है
--सर्दी में 2-2 कली सुबह शाम, और गर्मी में 1-1 कली सुबह शाम ले, और अकेला न खायेँ सब्जी या फिर जूस , चटनी आदि में कच्चा काटकर डालकर ही खायेँ
--मेथीदाना भी अदरक लहसुन की तरह ही कार्य करता है
💜प्राकृतिक उपचार:-
गर्म ठंडे कपड़े से सिकाई करे, अब उस अंग को पहले छुएं यदि वो गर्म है तो ठंडे सिकाई करे और वह अंग अगर ठंडा है तो गर्म सिकाई करे औऱ अगर न गर्म है और न ठंडा तो गर्म ठंडी सिकाई करे एक मिनट गर्म एक मिनट ठंडा ।
💛कफ(COUGH):-💛
--मुंह नाक से आने वाला बलगम इसका मुख्य लक्षण है
--सर्दी जुखाम खाँसी टीबी प्लूरिसी निमोनिया आदि इसके मुख्य लक्षण है
--सांस लेने में तकलीफ अस्थमा आदि या सीढी चढ़ने में हांफना
💙कारण:-
--तेल एव चिकनाई वाली वस्तुओं का अधिक सेवन
--दूध और इससे बना कोई भी पदार्थ
--ठंडा पानी औऱ फ्रिज की वस्तुये खांना
--धूल ,धुंए आदि में अधिक समय रहना
--धूप का सेवन न करना
💜निवारण:-
--विटामिन C का सेवन करे यह कफ का दुश्मन है यह संडास के रास्ते कफ निकालता है, जैसे आवंला
--लहसुन, यह पसीने के रूप में कफ को गलाकर निकालता है
--Bp सामान्य हॉगा
--ब्लड सर्कुलेशन ठीक हॉगा
--नींद अच्छी आएगी
--अदरक भी सर्वश्रेष्ठ कफ नाशक है
💜प्राकृतिक उपचार
--एक गिलास गुनगने पानी मे एक चम्मच नमक डालकर उससे गरारे करे
--गुनगने पानी मे पैर डालकर बैठे, 2 गिलास सादा।पानी पिये और सिरर पर ठंडा कपड़ा रखे, रोज 10 मिनट करे
--रोज 30-60 मिनट धूप ले ।
💛पित्त(ACIDITY):-पेट के रोग💛
--वात दोष और कफ दोष में जितने भी रोग है उनको हटाकर शेष सभी रोग पित्त के रोग है, BP, शुगर, मोटापा, अर्थराइटिस, आदि
--शरीर मे कही भी जलन हो जैसे पेट मे जलन, मूत्र त्याग करने के बाद जलन ,मल त्याग करने में जलन, शरीर की त्वचा में कही भी जलन, 
--खट्टी डकारें आना
--शरीर मे भारीपन रहना
💜कारण:-
--गर्म मसाले, लाल मिर्च, नमक, चीनी, अचार 
--चाय ,काफी,सिगरेट, तम्बाकू, शराब,
--मांस ,मछली ,अंडा
--दिनभर में सदैव पका भोजन करना
--क्रोध, चिंता, गुस्सा, तनाव
--दवाइयों का सेवन
--मल त्याग रोकना
--सभी 13 वेग को रोकना जैसे छींक, पाद, आदि
💜निवारण
--पुराने रोग और नए रोग का एक ही समाधान बता रहा हु
--फटे हुए दूध का पानी पिये, गर्म दूध में नीम्बू डालकर दूध को फाड़े, वह पानी छानकर पिए, पेट का सभी रोग में रामबाण है, सभी प्रकार का बुखार भी दूर करता है
--फलो व सब्जियों का रस, जैसे अनार का रस, लौकी का रस, पत्ता गोभी का रस आदि
--निम्बू पानी का सेवन
💜प्राकृतिक उपचार
--पेट को गीले कपड़े से ठंडक दे
--रीढ़ की हड्डी को ठंडक देना, लकवा इसी रीढ़ की हड्डी की गर्मी से होता है, गीले कपड़े से रीढ़ की हड्डी पर पट्टी रखें
--व्यायाम ,योग करे
--गहरी नींद ले
इलाज से बेहतर बचाव है
स्वदेशी बने प्रकृति से जुड़े
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थायराइड का दुश्मन

थायराइड का दुश्मन 

थाइराइड आजकल एक आम समस्या बन गई है, जो शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण होती है। यह स्थिति हाइपोथायरॉयडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की कमी) या हाइपरथायरॉयडिज्म (थायरॉयड हार्मोन की अधिकता) के रूप में प्रकट हो सकती है।

हालांकि, आयुर्वेद में इसका प्राकृतिक समाधान मौजूद है। एक विशेष पेड़ की पत्तियां 21 दिन तक सेवन करने से थाइराइड की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस उपाय के बारे में विस्तार से।
कौन सा पेड़ और उसकी पत्तियां,,?
यह चमत्कारी पेड़ है बेल (बिल्व वृक्ष)। बेल की पत्तियां आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और इम्यून मॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो थाइराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित करने में मदद करते हैं।

सेवन का सही तरीका,,,,

पत्तियां चुनें:ताजी, हरी और स्वस्थ पत्तियों का चयन करें। ध्यान रखें कि पत्तियां साफ और कीटनाशक मुक्त हों।
धोकर साफ करें:पत्तियों को साफ पानी से धो लें ताकि किसी भी प्रकार की गंदगी या धूल हट जाए।
खाली पेट सेवन करें:सुबह खाली पेट दो जोड़ा पत्तियां चबाकर खाएं। यानी 2 जोड़ा मतलब 6 पत्ते,,,एक जोड़े में तीन पतियां होती है,,,आप चाहें तो इनका पेस्ट बनाकर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।
लगातार 21 दिन तक:इस प्रक्रिया को बिना रुके लगातार 21 दिन तक करें। थाइराइड ग्रंथि पर इसका सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेगा।

बेल पत्तियों के स्वास्थ्य लाभ,,, यह वही बेलपत्र का वृक्ष है जो भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है,,,,

1. थाइराइड ग्रंथि का संतुलन:

बेल की पत्तियों में थाइराइड हार्मोन को नियमित करने वाले गुण होते हैं। यह ग्रंथि के आकार को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं।

2. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना:

इन पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे थाइराइड से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव होता है।

3. शरीर से विषैले पदार्थों को निकालना:

बेल की पत्तियां शरीर को डिटॉक्स करती हैं और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती हैं।
बेल की पत्तियां थाइराइड जैसी गंभीर समस्या का प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान प्रदान करती हैं। 21 दिन तक इनका नियमित सेवन हार्मोन असंतुलन को ठीक करने और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के इस चमत्कारी उपाय को अपनाकर आप अपने स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं..

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